भीनी सी बरसात में
मेरे गांव का सूरज भी
इंद्रधनुषी हो जाता है
जब द्यू देवतों के भीतर से
आरती सुनाई जाती है
और खेतों से माटी की
सोंधी खुशबू आती है
खेतों तक प्रातः का
प्रताप फैला रहता है
अंगड़ाई लेता बीज
नया जीवन देखता है
जाग जाता है बचपन
जब गौ माता रम्भाती है
जननी जब सुबह सवेरे
गीत भक्ति के गाती है
यह प्रातः का दृश्य मनोरम
सबके मन को भाता है
जीता जागता
मेरे गांव का सूरज भी
इंद्रधनुषी हो जाता है।
- – भानु प्रताप सिंह रावत।
Super bhanu bhai
thanku avadesh bhai. I hope aage bhi aap mujhe encourage krte rahenge.
Bahut khub bheji😊😍😍
thanku bhai…
Great bhanu bhai